कफ़न के लुटेरे यह वर्तमान बांग्ला देश की हरी भरी धरती पर पद्मा नदी के किनारे बसे हुए एक गाँव की पृष्ठभूमि पर लिखा गया एक काल्पनिक उपन्यास है । इसके सभी पात्र तथा उनके संघर्ष की कहानी कल्पना के आधार पर भले ही लिखी गयी है परंतु उसका उपजीव्य पूर्वी पाकिस्तान के बांग्ला देश बनने की घटना तथा उस समय...
कफ़न के लुटेरे यह वर्तमान बांग्ला देश की हरी भरी धरती पर पद्मा नदी के किनारे बसे हुए एक गाँव की पृष्ठभूमि पर लिखा गया एक काल्पनिक उपन्यास है । इसके सभी पात्र तथा उनके संघर्ष की कहानी कल्पना के आधार पर भले ही लिखी गयी है परंतु उसका उपजीव्य पूर्वी पाकिस्तान के बांग्ला देश बनने की घटना तथा उस समय वहाँ घटने वाली कही सुनी व पढ़ी अत्याचार की कहानियाँ ही हैं । उन्हें ही आधार बना कर प्रस्तुत उपन्यास का ताना बाना बुना गया है जो काल्पनिक होते हुए भी सत्य के निकट है । यह उपन्यास पाठक को देशभक्ति तथा स्वतन्त्रता की प्रेरणा प्रदान करता है ।
कफ़न के लुटेरे यह वर्तमान बांग्ला देश की हरी भरी धरती पर पद्मा नदी के किनारे बसे हुए एक गाँव की पृष्ठभूमि पर लिखा गया एक काल्पनिक उपन्यास है । इसके सभी पात्र तथा उनके संघर्ष की कहानी कल्पना के आधार पर भले ही लिखी गयी है परंतु उसका उपजीव्य पूर्वी पाकिस्तान के बांग्ला देश बनने की घटना तथा उस समय वहाँ घटने वाली कही सुनी व पढ़ी अत्याचार की कहानियाँ ही हैं । उन्हें ही आधार बना कर प्रस्तुत उपन्यास का ताना बाना बुना गया है जो काल्पनिक होते हुए भी सत्य के निकट है । यह उपन्यास पाठक को देशभक्ति तथा स्वतन्त्रता की प्रेरणा प्रदान करता है ।